अंग्रेजों की गुलामी से आजादी पाना भारत के लिए किसी चुनौती से कम नहीं था, लेकिन भारतीयों के अथक प्रयासों और दृढ़ संकल्प से देश आजाद हुआ।
भारत में हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। यह सभी देशवासियों के लिए गर्व का क्षण है, जिसे लोग देशभक्ति की भावना से भरकर मनाते हैं। स्वतंत्रता दिवस को देश में राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाता है। उत्साह और जश्न के इस माहौल में प्रधानमंत्री दिल्ली के लाल किले पर तिरंगा फहराते हैं. लेकिन यह जानना भी बहुत जरूरी है कि 15 अगस्त को ही स्वतंत्रता दिवस क्यों मनाया जाता है।
साल 1947 में देश को आजादी 15 अगस्त को मिली थी। लगभग 200 वर्षों तक अंग्रेजों के अत्याचारों को झेलने के बाद मिली आजादी में कई स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने खून की कुर्बानी दी। ऐसे में यह दिन हर भारतीय के लिए बेहद अहम है। स्वतंत्रता दिवस पर सेनानियों द्वारा किए गए अद्वितीय बलिदान और बलिदान को लोग याद करते हैं। अंग्रेजों की गुलामी से आजादी पाना भारत के लिए किसी चुनौती से कम नहीं था, लेकिन भारतीयों के अथक प्रयासों और दृढ़ संकल्प से देश आजाद हुआ।
15 अगस्त 1947 को भारतीय विधान सभा को पूर्ण विधायी शक्तियाँ प्रदान की गईं। स्वतंत्रता सेनानियों ने अपनी और अपने परिवार की परवाह किए बिना नई पीढ़ियों के लिए देश छोड़ दिया। इस दिन स्वतंत्र नहीं होना चाहते थे ब्रिटिश शासक: कहा जाता है कि अंग्रेजों ने लॉर्ड माउंटबेटन को वायसराय बनकर भारत भेजा था। उन्हें ब्रिटिश संसद से 30 जून, 1948 को भारत को सत्ता हस्तांतरण की घोषणा करने का आदेश मिला था।
हालांकि, बाद में भारत के अंतिम गवर्नर जनरल सी. राजगोपाली ने माउंटबेटन पर 15 अगस्त 1947 को भारत की स्वतंत्रता की घोषणा करने के लिए दबाव डाला। कैसे स्वतंत्रता मनाया जाता है दिवस: स्वतंत्रता की वर्षगांठ पर लोग वीर बलिदानियों को श्रद्धांजलि देते हैं और उनके बलिदानों को याद करते हैं। प्रधानमंत्री तिरंगा फहराते हैं और राष्ट्र को संबोधित भी करते हैं। इस दिन कई जगहों पर पतंगबाजी भी होती है। वहीं लोग जलेबी खाकर आजादी की खुशियां भी मनाते हैं।