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pदिसंबर महीने में लद्दाख में मनाया जाने वाला लोसर फेस्टिवल यहां का खास आकर्षण है। जिसमें शामिल होकर आपको यहां की संस्कृति से रूबरू होने का मौका मिलता है।/p
pओणम का महत्व और इतिहास, इसके बाद लोग पूरे घर को फूलों से सजाते हैं।/p
pगुड़ी नाम का अर्थ "विजय पताका" है। 'युग' शब्द 'युग' और 'आदि' शब्दों के मेल से बना है।/p
pआगरा शहर प्रेम का शाश्वत प्रतीक है जो अपनी विरासत के लिए और प्रेम की भव्यता के लिए माना जाता है। /p
pवसंत पंचमी के दिन घरों में देवी सरस्वती की प्रतिमा स्थापित कर उनकी पूजा की जाती है, अगले दिन मूर्ति को नदी में विसर्जित कर दिया जाता है। /p
pमहा का यह शिवरात्रि नाम उस रात को भी संदर्भित करता है जब शिव तांडव नामक स्वर्गीय नृत्य करते हैं।/p
p10 दिनों तक पूजा करने के बाद गणेश जी का विसर्जन किया जाता है। मान्यता के अनुसार, विसर्जन के बाद बप्पा अपने धाम को चले जाते हैं।/p