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pसबसे पहले मां लक्ष्मी ने बांधी थी अपने भाई को राखी। /p
pदिसंबर महीने में लद्दाख में मनाया जाने वाला लोसर फेस्टिवल यहां का खास आकर्षण है। जिसमें शामिल होकर आपको यहां की संस्कृति से रूबरू होने का मौका मिलता है।/p
pहिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, वाल्मीकि का जन्म अश्विन महीने की पूर्णिमा के दिन हुआ था। हर साल अश्विन महीने की पूर्णिमा के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में कई धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।/p
pस्वामी विवेकानंद ने अपनी तेजस्वी आवाज और अपने प्रभाव से विदेशों में भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का डंका बजाया।/p
pगणेश चतुर्थी, गणेशोत्सव, विनायक चतुर्थी समेत कई नामों से जाने जाने वाले इस पर्व को पूरे देश में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है।/p
pयह फेस्टिवल वसंत के आगमन की तैयारी का प्रतीक माना जाता है।/p
pइस रथयात्रा में भाग लेने के लिए और इसके दर्शन लाभ के लिए हज़ारों, लाखों की संख्या में बाल, वृद्ध, युवा, नारी देश के सुदूर प्रांतों से आते हैं।/p