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महापर्व छठ, भगवान सूर्य की पूजा का पर्व माना जाता है,

लोक आस्था का महापर्व छठ आज से शुरू हो रहा है, इस पर्व में सूर्योदय और सूर्यास्त का विशेष महत्व है।

लोक आस्था का महापर्व छठ आज से शुरू हो रहा है। छठ का पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में मनाया जाता है। षष्ठी की पूजा आज यानी 10 नवंबर बुधवार को की जाएगी. पहले व्रत और पूजा की शुरुआत आज नहाने और खाने से होती थी। इस दिन व्रती महिलाएं पवित्र नदियों, तालाबों या तालाबों में स्नान करके लौकी, चने की दाल खाकर पूजा शुरू करती हैं।

इस व्रत में षष्ठी के दिन डूबते सूर्य की पूजा की जाती है और सप्तमी के दिन उगते सूर्य की पूजा की जाती है. इस पर्व में सूर्योदय और सूर्यास्त का विशेष महत्व है। तो आइए जानते हैं ज्योतिष गणना के अनुसार छठ पर्व में सूर्योदय और सूर्यास्त का अनुमानित समय क्या है।

1- स्नान करें
छठ पूजा आज से कार्तिक शुक्ल चतुर्थी तिथि से शुरू हो रही है. छठ पूजा का यह पहला दिन होता है, इस दिन स्नान करने की विधि की जाती है। इस वर्ष (2021) नहाय-खाय 8 नवंबर, सोमवार को मनाई जा रही है। इस दिन सूर्योदय सुबह 6.38 बजे और सूर्यास्त शाम 5:31 बजे होगा।
2- खरना -
खरना छठ पूजा का दूसरा दिन और दूसरा अनुष्ठान है। इस दिन गुड़ की खीर और रोटी खाने से व्रत की शुरुआत होती है। इस वर्ष (2021) खरना अनुष्ठान 09 नवंबर मंगलवार को किया जाएगा। इस दिन सूर्योदय शाम 6.39 बजे और सूर्यास्त शाम 5:30 बजे होगा।

3- डूबते सूर्य को अर्घ्य -
इस दिन बड़ी छठ या षष्ठी की पूजा की जाती है। यह कार्तिक मास की षष्ठी के दिन किया जाता है। सूर्यास्त के समय डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। 
4- उगते सूर्य को अर्घ्य -
ये छठ पूजा की अंतिम रस्म होती है। इस दिन सूर्योदय के समय उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। उसके बाद व्रत का पारण होता है।


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